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मोसम प्रकृति का कया कार्य बचेंगा ऊपर से होली-दिवाली-क्रिसमस यकिन नहीं होता हैं कि सांस नही क्षेत्र-काल-परिस्थिति मस्तानी आदिकाल से वर्तमान शराबी किसी से डरता नहीं हैं मनाए जाते चाँद गज़ल हम जो चाहे वह हो जाय शौक गुलाबी यहां कोई स्थाई नहीं रहा हैं काम मदहोंशी भला बहका

Hindi नर रीति नहीं हरी रीति चलती हैं Quotes